ईशान बढते अपराध और फेल कानून व्यवस्था का कारण बताते है, उनका केहेना है आज की जिन्दगी अजीब हो गयी है हम अपने में ही सिमटे जा रहे है! हमे किसी दुसरे की परवाह नहीं, अगर हमारे सामने किसी के साथ गलत हो रहा हो तो हम नजर अंदाज कर बाद में दुसरो को दोषी ठेहेराते है हम किसी भी बात पर बोलते है जो हो रहा है होने दो इसी कारण अपराधिक घटनाए तेजी से बढती जा रही है!
उदाहरण:- एक बस में लोग सफ़र कर रहे होते है! सफ़र के दौरान एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति को परेशान करने लगता है! उस समय वह 3 मानसिकता वाले लोग होते है:-
उदाहरण:- एक बस में लोग सफ़र कर रहे होते है! सफ़र के दौरान एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति को परेशान करने लगता है! उस समय वह 3 मानसिकता वाले लोग होते है:-
- जो दुसरे को कमजोर समझ कर परेशान कर रहा होता है
- जिसके साथ गलत हो रहा होता है और जो लोगो से मदद की आशा रखता है!
- जनता:- जो चुप-चाप तमाशा देख रही होती है और पीड़ित की मदद नहीं करती ये सोच कर की "क्यों बेकार में सर दर्दी मोल ले! आज ये इसको परेशान कर रहा है अगर हम कुछ बोलेंगे तो कल इसी तरह हमे भी परेशान करेगा !"
अगले दिन वोही आदमी वापिस आकर किसी दुसरे को बड़े आत्मविश्वास से दुगना परेशान करने लगता है, ये सोच कर की किसी में मेरा सामना करने की हिम्मत नहीं है! मगर अब वहा 3 नहीं 4 मानसिकता के लोग हो जाते है:-
- जो दुसरे को कमजोर समझ के परेशान कर रहा होता है!
- जिसके साथ गलत हो रहा होता है और जो लोगो से मदद की आशा रखता है! (कल की जनता में से एक होता है)
- जनता:- जो चुप-चाप तमाशा देख रही होती है और पीड़ित की मदद नहीं करती ये सोच कर की "क्यों बेकार में सर दर्दी मोल ले! आज ये इसको परेशान कर रहा है अगर हम कुछ बोलेंगे तो कल इसी तरह हमे भी परेशान करेगा! "
- वो जो मदद तो करना चाहता है पर ये सोच के मदद नहीं करता की कल जब मेरे साथ गलत हो रहा था तो किसी ने मेरी मदद नहीं की तो में आज इसकी मदद क्यों करू !
अगर हम आज किसी की मदद करेंगे तभी तो कल कोई हमारी भी मदद करेगा किसी को तो पहल करनी ही होगी जो आज हम कर रहे है:-
- हर इलाके में बदमाश होते है जो लोगो को परेशान (मार-पिटाई, डराना-धमकाना, महिलाओ और लडकियों के साथ बदतमीजी करना इत्यादी) करते है! कुछ लोग इन बदमाशो के खिलाफ अपनी आवाज उठालेते है और कुछ लोग डर के मारे नहीं उठा पाते, उन लोगो के साथ हम है!
- जो लोग अपनी आवाज उठाते है वो इन बदमाशो की शिकायत पुलिस थाने में करते है, वो बदमाश इलाके का नामी आदमी होता है! वो अपनी जान-पहचान के कारण या पैसे दे कर छुट जाता है, पैसे लेकर बदमाशो को छोड़ देने वाले भ्रष्ट पुलिस वालो के खिलाफ हम है!
- सारे पुलिस वाले भ्रष्ट नहीं होते वो इन बदमाशो के खिलाफ कार्यवाही करना चाहते है पर उच्च अधिकारियो के दबाव के कारण कर नहीं पाते क्योकि वो बदमाश मान्य मंत्री जी होते है या मान्य मंत्री जी के चमचे या पूंजीपति होते है जो उन्हें चुनाव के वक्त पैसा देते है, अपनी शक्तियों का दूर-उपयोग करने वाले भ्रष्ट मन्त्रीओ के खिलाफ हम है!
- इमानदार पुलिस वाले जैसे तेसे F.I.R. दर्ज कर मुजरिम को कोर्ट में पेश करते है मगर भ्रष्ट न्यायधिशो द्वारा अपराधियों के साथ भेद भाव किया जाता है (सजा देने मे भी असमानता:- उदहारण सामने है धनञ्जय चटर्जी को फाँसी दे दी गयी पर निठारी कांड के अभियुक्त दानव के साथ क्या किया गया ! जेसिका लाल हत्याकांड हो या उज्जैन की विदेशी युवती के साथ बलात्कार की घटनाये ,ऐसे बहुत से उदहारण है जहाँ पर पुलिस और न्यायालय इतनी सख्त नहीं हुई थी जितनी की धनञ्जय चटर्जी के वक़्त हुई थी) अपराधियों के साथ भेद भाव करने वाले भ्रष्ट न्यायधिशो के खिलाफ हम है!
अब वह समय आ चुका है जब हम समस्त भारतीयों को जनहित के लिए एक जुट हो जाना चहिये ! यदि आप स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति के साथ गलत होता देखते है तो अपनी आवाज उठाओ पूरा संगठन आपके साथ एकत्रित होकर आपकी आवाज से आवाज मिलायेगा!
कोई गलत कार्य तब तक गलत होता है जब तक उसके खिलाफ विरोध की आवाज नही उठाई जाती ! अब इस भारत देश को गुनाह और भ्रष्टाचार से मुक्त भारत के रूप में देखना है इसलिए हम सभी भारतीयों से आशा करते है कि वो आगे आए और निंदा छोड़ के व्यवस्था सुधारने में हमारी मदद करे !
"सूर सो पहचानिए , जो लारे दीनके हेत पुर्जा-पुर्जा कट मारे तबहूँ ना छाडे खेत"
All India Anti-Crime Front
(IPY की अपराध और भ्रष्टाचार के विरोध एक आवाज)
(IPY की अपराध और भ्रष्टाचार के विरोध एक आवाज)
"अब हम सब साथ-साथ चलेंगे भारत का विकास करेंगे"